- सावन अमावस - हरेली (मांत्रिक शक्ति प्रागट्य दिवस)
- सावन अंजोरी पंचमी - नाग पंचमी (वासुकी जन्मोत्सव)
- सावन पुन्नी - परमात्मा के शिवलिंग रूप म अवतरण दिवस
- भादो अंधियारी छठ - कमरछठ (कार्तिकेय जन्मोत्सव)
- भादो अमावस - पोरा (नंदीश्वर जन्मोत्सव)
- भादो अंजोरी तीज - तीजा (पार्वती द्वारा शिव प्राप्ति खातिर करे गए तप दिवस)
- भादो अंजोरी चौथ - गणेश जन्मोत्सव
- कुंवार अंधियारी पाख - पितर पाख
- कुंवार अंजोरी नवमी - नवरात (माता शक्ति के पार्वती रूप म अवतरण दिवस)
- कुंवार अंजोरी दशमी - दसहरा (समुद्र मंथन ले निकले विष के हरण दिवस)
- कुंवार पुन्नी - शरद पुन्नी (अमरित पाए के परब)
- कातिक अंधियारी पाख - कातिक नहाए अउ सुवा नाच के माध्यम ले शिव-पार्वती बिहाव के तैयारी पाख
- कातिक अमावस्या - गौरा-गौरी पूजा (शिव-पार्वती बिहाव परब)
- कातिक पुन्नी ले शिवरात्रि तक - मेला-मड़ई के परब
- अगहन पुन्नी - परमात्मा के ज्योति स्वरूप म प्रगट दिवस
- माघ अंजोरी पंचमी - बसंत पंचमी (शिव तपस्या भंग करे बर कामदेव अउ रति के आगमन के प्रतीक स्वरूप अंडा पेंड़ गड़ियाना, नाचना-गाना, सवा महीना के परब मनाना)
- पूस पुन्नी - छेरछेरा (शिव जी द्वारा पार्वती के घर नट बनके जाके भिक्षा मांगे के परब)
- फागुन अंधियारी तेरस - महाशिवरात्रि (परमात्मा के जटाधारी रूप म प्रगटोत्सव पर्व)
- फागुन पुन्नी - होली या काम दहन परब (तपस्या भंग करे के उदिम रचत कामदेव ल क्रोधित शिव द्वारा तीसरा नेत्र खोल के भस्म करे के परब)
- चैत अंजोरी नवमी - नवरात (माता शक्ति के सती रूप म अवतरण दिवस)
- बइसाख अंजोरी तीज - अक्ति (किसानी के नवा बछर)
सिरिफ अपन धरम अउ संस्कृति ह मनखे ल आत्म गौरव के बोध कराथे, जबकि दूसर के संस्कृति ह गुलामी के रस्ता देखाथे।
-सुशील भोले, रायपुर
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