छत्‍तीसगढ़ी कहानी : आज के पहरलाद

आज के पहरलाद

धनारडिह के रहईया चुरामन कस्यप अउ हीरामन कस्यप ह सगे भाई ये। दुनो भाई ह नाच मंडली म गम्मतिहा बनथे। घातेच फबथे दुनो के गम्मतई ह। फबते तेन पाय के चारो मूड़ा सोर उड़ाथाबे। चुरामन हीरामन वाला नाच। ये अइसे नाच मंडली, जेमा के जम्मो बजकरी, परी, अउ नजरीया मन एकेच डिह के रहईया आय। जेन डिह टोला म येकर नाच होथे देखे बर खलक उजड़ जथे। नाच मंडली केसेती धनारडिह के नांव जग जाहिर हे। 
छत्तीसगढ़ के लोक नाट्य नाच गम्मत के घातेच चिन्हारी हाबे फेर का करबे येकर परसादे रउती नइये। दुनो जुवार बाखा के अघावत ले बियारी उरकथे त वोह डोली भर्री के परसादे। दुनो भाई नाच कूद के सरी जग ल हंसाथे त दिन म जांगर टूटत ले डोली भर्री म मड़ियाथे। मड़ियाथे तबहे त धान ओनहारी ल पाथे। इही गत सरी कलाकार मन के तको हाबे।
हीरामन ह डीड़वा हे। चुरामन के भांवर परे आठ बछर पहागे हाबे। सुवारी के नांव परनिया। दू झीं लईका हे पहरलाद कस्यप, गउरी अउ बाढ़े सजोर बुधियारीन नांव के बहिनी।
परनिया ह सउंहे बछर चुरामन अउ हीरामन के संग भर्री डोली म बूता उरकाथे त येकर मनके गम्मतई गोठ गत म मुसकाथे। फेर कतेक ल मुसकावय। अंकलहा मसान अउ आनी बानी के रोग सिरचईया रक्सीन ह खार म सउंहत ओड़ा देच रिथे। आन नंगरिहा मन कस न मराथाबे न मोटावाथाबे। जानव गत जिनगी ल पहावाथाबे।
एक पईत चुरामन ले एक झीं बनिहार कोचिया अभरीस। बनिहार कोचिया ह किहिस-मोर जानती के एक ठो कारखाना म बनिहार के खंगता हाबे। जतका ओसरही ततका बूता बर जांगर हुरका। जतका हुरका ततका बनी पा। कतकोन झिन ल वो कारखाना म भूती देवाय हंव। उहां रेहे बर सुघ्घर अकन घर तको। ओल्हाही ते मोर संग धरव नइते बरपेली नइये।
बनिहार कोचिया के लुलहरई बरन गोठ म चुरामन ह मोहा गिस। अइसने डोली भर्री म जांगर ह दर्रत हाबे, उंहे खप जही। फबीत बनी पाबो ते अंकाल के संसो त नइ खाही। नइ ओल्हाही त लहुट आबो। अपन डिह अपन डोली। चुरामन ह जोंग लीस।
दुनो भाई झोला झांगरी धर के मुहाटी म डंका मढ़ईस। मेड़ो के नाहकत ले परनिया ह अमराये बर गीस। साहर गत अउ कारखाना के गीनहा ल गीना गावत, जीकर सरेखा के गोठ गोठियावत अउ मन नइ माढ़ी त तुरतेच लहुट आबे किके अढ़ोवत। मेड़ो के अमरते परनिया ह रबक गिस। दिखत ले देखिस तहां अइलाये बरन लहुटिस। जोंही ले दूरिहाये के पीरा ल मन म लदक के। दुनो लईका अउ ननंद के मया कना, मढ़िहा मुहाटी के सुती ल पुरोये बर। दुख म तको मुचमुचाये बर।
बनिहार कोचिया ह चुरामन कस्यप अउ हीरामन कस्यप ल एक ठो कारखाना के एक झीं ठेकादार कना लेगिस। ठेकादार ह दुनो भाई ल बूता म राख लीस। रेहे बर नानकून खोली तको दे दिस।
येती परनिया के जिनगी आदहा होगे रिहिस त धनारडीह के नाचा मंडली घला छरिया गिस। उपराहा म धनहा डोली। परनिया ह चतुरा रिहिसे। धनहा डोली ह बेजतनी झन हो जवय किके नाच मंडली के मनेजर ल अधिया दे दिस। अधिया म जांगर टोरय अउ ठलहा बेरा म पर घर भूती तको जावय।
वोती दुनो भाई ह ठेकादार के खालहे कारखाना म बूता करय अउ नानकून खोली म राहय। सपरिहा मन संगवारी बनगे रिहिन। नाच मंडली त नइ सिरजईन। संझा के बेरा कायाखंडी गीद गायन कर लेवय।
धनारडिह म रहईया सरी मनखे नंगरिहा नइते पौनी पसारी आय। सबोच के जिनगी बर डोली भर्री ह एकेच ठी थेगहा हाबे। परनिया ह अपन खाप अउ डोली ल सुती खाय कस उबार लीस। नइ उबार सकीस त दू भाई बिन छरियाय धनारडीह के नाच मंडली ल। अगोरा रिहिस फेर का करय बेरा ले आगु करम ले आगर काहीं नइ होवय।
एक पईत का होईस के बूता म बनिहार मन बेधून रिहिन अउ कारखाना म अलहन होगे। चार झिन मनखे उहीच मेर मर गिस। आठ झिन ह असपताल म अबक तबक होगिन।
मुआवजा बर बनिहार मन सेठ ले गेलौली करीन। केलौली करीन। फत नइ परिस त पेलौली करीन। धरना बर जुरिया गिन।
चुरामन हीरामन के संगवारी मन ह धरना म बईठत रिहिन। दुनो भाई कइसे दूरिहातीन। धरना म नांगा नइ मारत रिहिन। धरना के देख सेठ ह थर्रागिस। मारे पिटे बर लंगूरवा पठोईस। धरना के अघुवा संग चुरामन तको मारे गिस।
हीरामन ह बोक बाय होगे। काकर ले कइसे निरौना करय अउ का उदिम रोमिहाय। चुरामन के चोला ल धर के धनारडिह अईस। धनि के रद्दा देखत परनिया ह चुरामन के लाहस देखिस ते ठाड़ सुखागे। सबो झिन के रोवई म रोहो पोहो होगे। हीरामन ह संवागे ल पयहर कस आकब करीस। परनिया, वोकर दुनो लईका अउ बुधियारिन के सुती ल अपन मूड़ म बोह लीस।
नाचा म अब्बड़ हंसवईया हीरामन के सुभाव अंते होगे। गोठियाथे त जोंग के। एकक आखर ल नाप जोख के। डिह डोली ले जतका आगर मया बाढ़िस ततके आगर कारखान मन ले घिरना। किबे त हीरामन कस्यप बर कारखाना ह सबले बड़े दुसमन होगे।
हीरामन के बियारा बखरी ले भांड़ी आड़ आन नगरिहा के बियारा हे। उही बियारा म मिंजई के बूता करत लूपत ह हीरामन ल अइसे देखिस जनामना तईहा ले मया पलपलाय हाबे। हीरामन कस्यप ह लूपत के जिनगी ल पोगरा लीस। हिरदे म बसा लीस। 
बाढ़े बुधियारिन के संसो ले सुभीत्ता होय बर लागमानी असलग मन कना सोर पठोईस। बने अक सगा पाते साठ बुधियारिन के भावंर पार दिस। पठौनी तको होगे। 
परनिया ह सरी बग ल अटकर पागे रिहिस। तेन पाय के एक पईत  हीरामन कस्यप ल लूपत संग बिहाव बर जोजिअईस। बेवहर बाढ़ी हो जही किके हीरामन ह अगुन छगुन करीस। परनिया ह थोरे ढेरियातीस, लूपत के दाई ददा ले गोठिअईस अउ समाज के साफर बिहाव म भांवर पार दिस। हर्रा लगीस न फिटकिरी रंग चोख्खा।
हीरामन के जिनगी गाहद गे। घर म काकी के आये ले पहरलाद अउ गउरी मन तको गदगद होगे। घर तिहार होगे। लूपत अउ परनिया म बनेच खाप माढ़िस। संघरा बूता म जावय अउ घर के सुती ल तको पुरोवय। न चारी न बद्दी। न टोका न टोटका। पहरलाद अउ गउरी ह एकमई गत म मात के अपन पढ़ई करे लगीन। हीरामन कस्यप ल अऊ का चाही, सबोच के गत उच्छाहित जउन हाबे।
बईगा गुनिया मन कना किंजर किंजर के देवी देवता म बदना बदीस। पीपर जर म पानी रितो रितो के कतको भागवत सुनीस। बगजानीक डॉक्टर मन कना के दवई पानी करीस। पांच बछर के पहाते परतीत होगिस के लूपत ह महतारी नइ बन सकय। हीरामन कस्यप बर ये ह उरई खंगता कस मन ल बियापीस फेर का कर सकथे। सत ल पतिया के परघालीस। दुख बिसर गिस। 
अलहन ह आरो दे के नइ आवय। बतर के बादर घुमरत रिहिस। हीरामन कस्यप ह बांवत के नांगर फांदे रिहिस। डोली के रकसहूं कोन्टा म परनिया अउ भंडार फांक के कोंटा म लूपत ह ढेला फोरत रिहिस। बादर ह डुहडुहाके टपके धरीस। धर्रापट्टी तीनों झिन ह अपन अपन लकठा के रूख खाल्हे म सपटे बर गीन। गरजत करिया बादर ह लउका के संग रूख म गाज मारिस ते परनिया ह गम नइ पईस। उहीच मेर लेसागे।
हीरामन कस्यप अउ लूपत ह पहरलाद अउ गउरी बर दाई ददा बन गिस। चार झिन के खाप ह सुख दुख बर एक सुंता म गूंथा गिन। दिन बादर ह नीक-नीक नाहके लगिस। हीरामन कस्यप ल जतका मया खेती किसानी ले रिहिस वोतके मया डिह धनारडीह ले तको रहय। मया नइ रिहिस त कारखाना ले जेखर सेती चुरामन अम्मर होगे। उदूपहा गीरईया गाज ले जेखर सेती परनिया लेसागे। दुनो के सूरता म जतका करलई लागय ततका करलई नाच मंडली के छरियाय ले तको आकब करत राहय। इही दुख पीरा ल पोटारे दिन पहावत रिहिस।
देस के भंडार फांक म भूकंप का अईस। धनारडिह के भूईयां म भक्कम पानी ओगर गे। एक झीं के बोर ल देख नगरिहा मन अपन अपन चक म बोर करवाय बर गूनीन। भर्री डोली के दिन बहुर गिस। अब कोन ह खेती किसानी ल बिसराही के धनारडिह ल बीसर के जाही। हीरामन कस्यप बर डिह सरग बनगे। तीन पईत फसल के कूत ल पाय लगीन। डिह डोली के गीद गाय लगीन।
गीद का गईस चुनाव म जीत के हीरामन कस्यप ह पंच बन गिस। पंच के बनते धानरडिह म नावा जुन्ना संगवारी ल सकेल के नाचा मंडली सिरजाय के उदिम करीस। उदिम के संगे संग डिहयार तको बनगे। हीरामन कस्यप के हियाव बिन न एको जुराव उसले न काहीं जलसा। सबोच के सुख दुख सुन्ता सुला अउ नर नीत म रिथे, तेन पाय के धनारडिह के लईका ले सियान ह हीरामन कस्यप ल देंवता माने लगीन। काबर नइ मानही? बहिनी बुधियारीन के भांवर पार दिस। पहरलाद अउ गउरी ल अपनेच लईका कस दुलार कराथाबे। पढ़ावाथाबे।
बेरा के पहाते, दिन बछर के नाहकते गउरी ह मोटियारी होगिस। गउरी ह जेन कैलास ल मन म बसाये रिहिसे तेखर संग भांवर पार के हीरामन ह हरू होगिस। गउरी के पठौनी होते पहरलाद ह हीरामन के परसादे सरपंच बन गे। सरपंच बनते पहरलाद ह हीरामन के धरसा म डंका मढ़ईस। धनारडिह ल एक ठो घर कस मानीस अउ खेती खार ले वोतके मया करत सबोच के सरेखा बर जीकर लगईस। उही बाप ह भागमानी होथे जेखर लईका ह बाप के बताये रद्दा म रेंगथे। कतको जनम म बने करम करथे त कोनो बाप ह सपूत पाथे। पहरलाद ह हीरामन कस्यप के सग्गे बेटा नोहय तभो अइसन गत गढ़न के सपूत पालीस। धनारडिह म सरी मनखे ह हीरामन कस्यप के भाग ल जतका सहरावत रिहिन वोतके पहरलाद के मनसा करम के बड़ई तको बखानत रिहिन।
पहरलाद ह सरपंची के बुता ल बनेच उरकावत रिहिस। हीरामन कस्यप कस धनारडिह के रउती बर किसिम किसिम के उदिम जोंगत रिहिस। सरी नंगरिहा के खेत खार म बोर पांप हो जवय गुन के सरकारी योजना नइते अउ काहीं रद्दा ल चतवारत रिहिस। अपन सुरांवट म रेंगईया पहरलाद ह सोना के रूप म झपागे। 
पटवारी के बेटी सोना ह पढ़े लिखे अउ साहरी संसकार सूध के टूरी आय। न नंगरिहा मन ल भावय न डिह टोला के रहईया मन ल। पटवारी के नौकरी म बरपेली कस धनारडिह म राहत हाबे। सोना ह पहरलाद ल कभूच हिरक के नइ देखिस। नइ देखय त का होईस, पहरलाद ह एक झलक पाये बर काहीं न काहीं बूता के ओढ़र पटवारी कना जावय। सोना के दरस पा लेवय।
लूपत अउ हीरामन कस्यप ह आरो पईस ते कउवागे। बम्बर बरे ले आगु गूंगवाते म पानी ओरछत हीरामन कस्यप ह बरजीस- पहरलाद, सोना ह तोर पंचन के नोहय न  तोर डिह टोला के रहईया। सहरिया संसकार संसकिरती के नोनी आय। तें वोकर पाछू म बिल्होरा झन। तोला मोर आसीस पेसो म जीये बर हे। तोला धनारडिह के संसकार संसकिरती म जिनगी खपाये बर हे।
पहरलाद ह सोना कोती ले जीकर टारिस अउ अपन रद्दा म अईस गीस। पहरालाद के ये गत म हीरामन कस्यप ह गदगद होगे। लूपत के कपार ऊंच गे।
जेन पईत भूकंप के परसादे धनारडिह के भुईयां म भक्कम पानी ओगरे हे तेन पईत ले कतकोन साहरिया मन के आंखी गड़ गे हाबे। हड़पे बर आनी बानी के खाखा बनावाथाबे। इही साहरिया म एक झीं के नांव हे रमेसर। रमेसर सेठ काहत लागे, चरसिली म फर- फर-फर-फर धमक गीस धनारडिह के मेड़ो।  रकसहूल फांक के परिया ल हड़पे बर जोंग तको लीस। सोझ सरपंच पहरलाद कना ओड़ा दिस। पहरलाद कना अपन मनसा ल उजागर करत गोठिअईर्स-रकसहूल फांक के परिया म कारखाना बनाये बर जोंगे हंव। ते पंदौली देबे त तीर तार के धनहा डोली मन ल वोकर गोंसईया मन कना ले बिसा लुहू। परिया ह घेरा म आही त तोला आगर फायदा होही।
हीरामन कस्यप ह कारखाना ले घिरना करथे, काबर के चुरामन ह कारखाना के सेती मरे रिहिस। उपराहा म अब पानी के खंगता नइये तेन पाय के तीन फसल होवाथाबे। हीरामन कस्यप ह कारखाना के बिरोध कर दिस। पहरलाद ह सेठ ल कीह दिस। डिह डोली ल उजरन नइ देवन, कारखाना बर धनारडिह ल बिसार दे।
रमेसर सेठ ह कलेचुप लहुटिस। लहुट के थीर थार बइठईया नोहय। गुनतारा के भउंरी म कूद दिस। एक ठो रावन पईस। सोझ विधायक कना गीस। हीरामन कस्यप अउ पहरलाद के कठौती मनसा ल उजागर करीस। जतका खपीस ततका निरौना लगईस।
विधायक ह पहरलाद ल सोरिअईस। धनारडिह के पटवारी ल तको आरो कर दिस। दुनो के आते साठ विधायक एक ठी कुरिया म बइठ गिन। तेल दे कस विधायक ह पहरलाद के बड़ई मारीस। बेरा पाते पटवारी ह फोरन देवत रिहिस। पहरलाद के आंखी म तेल आय कस गत दिखिस त विधायक ह फोरियावत बग के गोठ ल अमरीस -पहरलाद, हीरामन कस्यप के ईमानदारी, सत, डिह टोला के मया अउ खेती खार बर जउन आस्था हे तेन ल बिसार दे। किथे न रात भर गाड़ा जोते कूकदा के कूकदा। सरपंच हस पांच बछर पहाही अउ हाथ ह दूच्छा के दूच्छा रीह जही। कती गे रेहेस कहूं नइ का पायेस कुछू नइ। बेरा ल झन चुको। डार के चूके बेंदरा अउ असाड़ के चूके किसान। रमेसर सेठ के बात ल मान ले। मालामाल हो जबे। माल रेहे  ले मान तको रिथे नइते बाड़ू कुकुर नइ पूछय।
पहरलाद ह बक्का फोरिस-कारखाना ह धनारडिह ल खुआर कर दिही। न डिह टोला के संसकार संसकिरती बांचही न खेती खार।
विधायक ह फट ले गोठिअईस-अबूजहा मन कस गोठिया देस न। धनारडिह म नावा सूरूज उवईया हे। खेती किसानी म न कोनो पनकत हे न उबरे हे। कारखाना के खुले ले धनारडिह ह सरग बन जही। बनिहार भूतिहार अउ नगरिहा के जिनगी नरक ताय। ते नरक के पीरा ल भोगाथाबस। सरग के रद्दा चतवार। सरी मनखे बूता पाही। पढ़े लिखे मन नौकरी पाही। महीना के महीना अतका पगार जतका खेत के भरोसा छै महीना म नइ पावय। सूभित्ता हो जही। न धान ओनहारी कस बिमारी सिरचे के संसो न दुकाल के भूसभूस।
पहरालाद ह गुनान गत म गोठिअईस-ठउका ल गोठिआयेस। धान ओनहारी म आनी बानी के बिमारी सिरचते रिथे।  काहीं न काही ओखी दुकाल ह अभरते रिथे। फेर का करबे, हीरामन कका के सबले बड़े बैरी कारखाना ह आय। वोह कारखाना के फत परन नइ देवय। डिह डोली ल खुआर होवन नइ दय।
मेड़वार गड़िया के किंजरे कस गोठिआथे। विधायक ह कंझाय गत म किहिस-तिहीं समझा पटवारी, बूजा ह बेरा के गत ल नइ जानय। पटवारी पहरलाद के आंखी म आंखी ना के बक्का फोरिस-पहरलाद, हीरामन कस्यप ह जुन्ना मनखे ये वोकर खिनहा मनसा हे। पाहरो के पचआसी ल नइ जानय। तें  आकब कर। धनारडिह के सरपंच अस त तोर सुती बनथे के ये डिह ह सरग सिरजय। बने गुन, जइसे आज हस तइसे झन राह। एकेच कलथी म लखपती बन जबे। छानही के ठउर म छत वाला तीन मंजीला मकान बना लेबे। मांहगी ले मांहगी कार बिसा लेबे।
बिधायक ह कुदना कूदे कस किहिस-तें त जानतेच होबे, जेकर कना नइये कार तेखर जिनगी बेकार। 
पटवारी-कारखाना बनाय बर अनुमति दे दे। हीरामन कस्यप ल हमन समझा लेबो। पच्चास साठ लाख के कट्ठा ल देखही ते वोकर बक्का सटक जही। आंखी बर जही, आंखी।
ठउका रमेसर सेठ ह सूटकेस धर के अईस। विधायक अउ पटवारी ह भगवान आय कस परघईस। सेठ ह सूटकेस ल खोल के रूपया के कट्टा ल मढ़ईस अउ किहिस- पहरलाद, में ह खेती किसानी के बूता ल गारी नइ देवंव। फेर अतका जान ले के कारखाना बन जाये ले धनारडिह के सरी मनखे हरहिंच्छा सुभीत्ता हो जही। सरपंच बन के कतका झिन का कमाये हे। पांच बछर म चुनाव के खरचा ल तको नइ वसूल सकय। तोर भाग जागे हे। अवसर आये हे। अनाकानी झन कर। ये पच्चास लाख लाये हंव तोर बर। कारखाना के बनत ले पईसा बरसते रिहि। किबे त तोर बर बने असन नौकरी के ठउर तको चतवार दे रिहूं।
सईता अउ सुवारथ ह बने बने ल अंधरा बना देथे, सरपंच के त नावेच ह पहरलाद हाबे। जादा अगुन छगुन नइ करीस। सईता सुवारथ के भऊरी म कूद दिस।
रमेसर सेठ ल कारखाना बनाये के अनुमति दिस तेखर आरो पाते साठ हीरामन कस्यप ह खखुवागे। घातेच बरजीस फेर पहरलाद ह कनमटक नइ दिस। अपन मेड़वार म किंजरते रिहिस। लूपत तको मया दुलार ले पलपलाय गोठ आखर म समझाईस। पहरलाद ह सुनबे नइ करीस।
भन्नाये हीरामन कस्यप ह पहरलाद ल सरपंच के पद ले हटवा दुहूं किके कलथी मारीस त विधायक अउ सेठ ह पटवारी के हाथ ले जम्मो पंच बर एकक लाख रूपया पठो दिस। एकक लाख रुपया पईस ते जम्मो पंच बकबका गे। न अपन असमीता ल जानीन न संसकिरती स्वाभिमान ल।
पहरलाद के सेठ, विधायक अउ पटवारी कना अवई जवई आगर होगे। पईसा के आते सोना बर पहरलाद ह मयारू बनगे। सरकारी जमीन के लकठा म जउन खेत खार हे तेन ल रमेसर ह उपराहा दाम म बिसाय लगिस। पटवारी ह खेत खार ल चार पांच डिसमिल कम नाप के अपन हाही बुतावत गिस। मंझोत के खेत खार मन बिसा गिन त पीछोत वाला मन के बरोई ह बरपेली कस होगे।
हीरामन कस्यप अउ लूपत ह पहरलाद ल घतेच बरजीस। बुधियारीन अउ गउरी ह ससुराल ले आके समझईस त उलटा फदित्ता पईस। पहरलाद ह एक ठी भाखा के रटन धरे रिहिस- पाहरो ह आन के तान होवाथाबे। आज उही मनखे उच्छाहित अउ मनभरहा जिनगी जीयाथाबे जेन बेरा के संग कलथाथाबे। दुनिया म वोइसने मन के चिन्हारी हे जेन परम्परा ले दूरिहाये हे। जेन असमिता अउ मूल संसकिरती के गोठ नइ करय। जेन ह स्वाभिमान ल नइ जानय। फेर तूमन जान लव जेखर कना नइये कार वोखर जिनगी बेकार। कारखाना खुले ले धनारडिह म सरी फत्त पर जही।
सरकारी जमीन ल घेरत सेठ ह कारखाना के नेव ना दिस। धर्रा पट्टी कस निरमान के बूता ल बढ़ा दिस। विधायक के बंगला म पहरलाद के संग सरी पंच मन के मान बाढ़ गिस। बेरा बेरा म सेठ के परसादे बार-भट्ठी के तिहार तको होय लगिस।
राजद्रोह कस पहरलाद ह खाप द्रोह कर दे रिहिस। आगर बेरा पटवारी के घर म पहावय नइते सोना के ठट्ठा ठिठोली म। येती हीरामन कस्यप बर घर खाप का डिह डोली के सुख अउ मया ह लीरबूटहा होगीस। जेखर लईका नइये तेखर एक ठी दुख जेखर लईका हे तेखर बारा ठो दुख। हीरामन कस्यप अउ लूपत ह दुनो दुख ल भोगत रिहिस।
हीरामन कस्यप ह अपन धनारडिह बर संत रिहिस। संत के काहीं सुवारत सईता नइ राहय। जउन रिथे तउन सत इमान अउ परमारथ। सरी नंगरिहा मन ल एक दउंरी म फांदे के उदिम करीस।
ये उदिम के आरो पहरलाद ले पाते साठ सेठ, विधायक अउ पटवारी ह गुनतारा करीन। थोक मूक निरमान होय कारखाना ल टोरवा के अउ लकड़ी फाटा ल लेसवा के हीरामन ल बद्दी दे दिस। सत के गोहार ह तिरवेनी के परताप म सनकलप होगे। हीरामन कस्यप ह जेल म धंधा गे। धनारडिह के सउंहे गत काठी परे कस होगे। लूपत ह बोकबाय होगे। पहरलाद ल अतके किहिस-बेटा तोर जइसे परलोखिया अउ परबुधिया मनखे के जनम ककरो कोख ले झन होय। सुख सुवारथ बर बाप के... बाप? कका ये कका। बाप होतिस त कोनजनी का करतेस। अइसने छानही चढ़ के नाचाथाबस। आगी म थूकतेस,आगी म। आज ले बिसार दे के तोर कोनो काकी हे।
पहरलाद के मन नइ बियापीस। पईसा के सेती रेंगई आन होगे। पहिनई गोठिअई आन होगे। साहर म जबर मकान बिसईस। सोना संग भांवर पार लीस। लूपत ह दुनो ल आसीस त दिस फेर वोकर संग म नइ गीस। हीरामन कस्यप ल अगोरत अपन जुन्ना मकान म रीह गे।
रमेसर सेठ ह निसंसो कारखाना ल बनाय लगिस। धनहा डोली के संग भर्री मन ल तको बिसा के परिया भूईयां ल हड़प लीस। कारखाना के उद्घाटन म विधायक ह मंत्री ल धर के अईस। पटवारी के संग पहरलाद तको नेवतईस। पंच उपसरपंच मन ह नेवताय रिहिन। नइ नेवताय रिहिस त धनारडिह के जम्मो खेतिहर मन जेखर धनहा बेंचा गे रिहिस। सरी पचआसी ल लूपत ह देखत अपन धनहा डोली म रमे रिहिस।
दिन आगर दिन पहईस। धनारडिह म कारखाना चकाचक होगे। भूईया के जउन पानी म खेत ह तरबतर होवय वो पानी म कारखाना के लकलकावत लाल मसीन मन जुड़ावाथाबे। कती कती ले मनखे मन आके बड़े बड़े पद म बइठे हे। साहब सूबा बनगे हाबे। जबर गत के बिल्डिंग टेंकाय हे। कार चलावाथाबे। धनारडिह के बांचे डोली मन परिया लहुट गे हाबे काबर के जम्मो नंगरिहा मन कारखाना म काम करे बर जाथे। काम ठेकादारी म होवाथाबे। ठेकादार कोन देस राज ले आय हे धनारडिह के मनखे मन नइ जानय। जानथे त थोक थोक म भदेसील गारी।  नौकरी देबो किके सेठ ह कीरिया खाय रिहिस अउ सब झिन ल ठेकादार के खाल्हे म बनिहार बना दिस। 
नगरिहा मन बनिहार होगे। बनिहार माने मजदूर। खेत म बईला भईंसा जोत के धान ओनहारी उपजावय। कारखाना म जोंतावाथाबे। ठेकादार अउ साहब सूबा के गारी खावाथाबे। जेन धनारडिह के भुईयां ममहावय उहां कुहरा उड़ियावाथाबे। न खेती के न कारखाना के, बरपेली कस जिनगी पहावाथाबे। न पंचन म सुंता हे न सरी पंचन म एका। न बड़े के बड़ई हे न सियान के मान गौन। न तीज तिहार जुरियावय न काठी छट्ठी म। अपन मन के सब मालिक बनगे हे। दारू भट्ठी खुले ले सबोच के रेंगई आन होगे। धनारडिह के जउन दूरगती होवाथाबे तेन ल हीरामन कश्यप ह अब सउंहत देखही काबर के जेल ले निकर के सोझ अपन डिह टोला तनि आवाथाबे।
साहर ले धनारडिह के रावन चकाचक हे। चरसिलि मन रावन म कुहरा उढ़ियावाथाबे। जइसे जइसे हीरामन कस्यप ह लकठिआवाथाबे तइसे तइसे धनारडिह ह अनचिन्हार कस लागाथाबे। धनारडिह नंदाय कस आकब होवाथाबे। रद्दा म हीरामन के धनहा डोली हे। डोली म लूपत ह भूती उरकावत रिहिस। दूरिहा ले नइ चिन्हईस। लकठा म गीस। दुनो के गतगढ़न आन के तान होगे हाबे। चिनते साठ दुनो के आंखी तर होगे।
रूख के खालहे म हीरामन कस्यप ल लूपत ह बईठारीस। झउंहा म मढ़ा के लाने बासी अउ चेंचभाजी के साग ल दिस। हीरामन ह सुसी के बुतावत ले खईस अउ ससन भर पसीया ल पीस। वोती पहरलाद के घर म तिहार होवत रिहिस। वोकर लईका के जनम दिन। सुघ्घर तियारी। किसिम किसिम मनखे मन नेवताय रिहिन। नावा किसिम के गाना बजना त नावा किसिम के डांस। सरग कस गत। रमेसर सेठ, विधायक अउ ससुर पटवारी के आते साठ वो घर सिरतो के सरग बनगे।
हीरामन कस्यप अउ लूपत के जिनगी म घातेच दुख हे तभो आज सुख के सीपा म मन तर हे। सरी निरौना अउ चारी के संग मया म बेरा ह नाहकत हाबे।  
राज म चुनाव होवईया हे। वोती विधायक ह फेर चुनाव लड़े के गोठ अपन हितवा मन संग कराथाबे। ये हितवा म पहरलाद तको हे जेन ह जी देके परचार करेबर करार कर दिस। सेठ ह खरचा उठाये के बाना बांध लीस।
बिहाने ले हीरामन कस्यप ह सरी संगवारी मन कना गीस। सरी नंगरिहा के दुख पीरा ल गोठिअईस, जानीस अउ खाखा बनईस।अपन मंसा अउ खाखा धनारडिह के सरी मनखे ल बतईस। लूपत ह डउकी लोग मन ले संगत करीस। हारे जीव बाघ बराबर।
विधानसभा चुनाव के नंगाड़ा बाज गे। जम्मो प्रत्यासी के कार्यकरता मन परचार के धरसा म रेंगे भागे लगीन। हीरामन कस्यप ह विधायक के सबले बड़े विरोधी प्रत्याशी के परचार ल नेतीस। कारखाना के सेती धोखा खाय, दुख पाय अउ फदित्ता ल भोगे, धनारडिह के मनखे मन हीरामन कस्यप के रद्दा म रेंगे लगीन। विधानसभा के जम्मो डिह टोला म परचार करीन। सरी पारा अउ कालोनी म परचार करीन। जतका असलग, लागमानी अउ चिन्हार के मनखे हे ततका मन कना  अपन पीरा गोठिया के परतीत म लीन। ये बात के आरो पाते साठ पांच बछर के विधायक ह चुनाव म घबरा गे। ककरो छेंके हीरामन कस्यप छेंकावय न वोकर संगी संगवारी। कतको उदिम करीस फेर फत्त नइ परीस। विधायक ह ये चुनाव ल हजार वोट ले हार गे। 
हीरामन कस्यप अउ लूपत ल का किबे वोकर जम्मो संगवारी मन विधायक के हार म उच्छाहित होगिन। हीरामन कस्यप ह बेरा के अगोरा  पासत रिहिस। पटवारी ह एक झीं किसान ले घूस मांगीस। घूस के चक्कर म पटवारी ह चकरा गे। पटवारी ल न हारे विधायक ह उबार सकीस न सेठ ह। पहरलाद ह खूरच खूरच के रीह गे।
हीरामन कस्यप के सबले बड़े दुश्मन कारखाना ह आय। कारखाना ल खुआर करे बर का करंव?  कइसे करंव? अइसे गुनतारा करे लगीस। एक दिन ल अइसे पईस, के कारखाना  म सिरतो के आगी लगा दिस। अतका आगी के कारखाना के आदहा लेसा गिस। सेठ ह ये देख ठाढ़ सुखागे। मईंता भोगागे। अपन दुख जुन्ना विधायक कना गोहरईस। पटवारी के परसादे पहरलाद ल बस म करीस। सेठ ह अपन दे लाखो रूपया के गोठ करीस त पटवारी ह सोना के ओढ़र। विधायक त ये किहिस के पहरलाद अवईया बछर तोला विधायक के टिकिट देवाबो। मोर ठउर तें ह लड़बे। विधायक का मंत्री कनाबो मंत्री। पहरलाद ल तीनो के बताये रद्दा म सरग दिखत रिहिस। तीनो के बात मानीस।
सोहसोगाहन गत म पहरलाद ह धनारडिह गीस। लूपत ह उदूप ले देख के कउवा गे। लूपत ह काहीं निरौना लगाय नइते खेदार देवय तेखर ले आगु हाथ जोड़ के थू बद्दा करे लगीस। अपन सरी पय ल पतीयावत वोकर पांव म नीहर गे। हीरामन कस्यप ले घला माफी मांग लुहूं किहिस त लूपत ह पतीया लीस। हीरामन ह कती लुकाय हे तेखर ठीहा ल बता दिस। बेरा पाते पहरलाद ह विधायक ल फोन करीस अउ हीरामन कस्यप कती सपटे हे, बता दिस।
विधायक, सेठ अउ पटवारी ह एक ठी कार म गीन। हीरामन कस्यप ह तीनो झिन ल देख के अकचका गे। हीरामन कस्यप ह तीनो झिन बर रोमिहा के हबकीस। हीरामन कसयप के राई ह इही तीनों के हाथ म रिहिस। हीरामन कस्यप ल कोन मारीस न पुलिस आरो पईस न लूपत ह। करम के नांगर ल न भूत जोतत रिहिस न भगवान ह। जतका अलहन, पय अउ पाप होईस तेन पहरलाद के सुख अउ सुवारथ के सेती। लूपत ह फेर एकेच झीं के जिनगी जीये लगीस। न खेती ल बिसरईस न धनारडिह ल। कलेचुप बेरा पहाय लगीस।  

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चंद्रशेखर चकोर 
परिया टोरउनी रेगहा :  छत्तीसगढ़ी कहिनी संग्रह
लेखक- चंद्रशेखर चकोर
ग्राम कान्दुल, पोस्ट सुन्दर नगर, 
जिला रायपुर 492013 (छ.ग.)
मो.- 9826992518
प्रथम संस्करण-2019
सर्वाधिकार लेखकाधिन
मूल्य-300/-

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